दोस्तों क्या आप जानते हैं, रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? हम लोग हर साल एक बार इसे रक्षाबंधन को तो मनाते ही हैं लेकिन हमने से बहुत सारे लोगों को यह रक्षाबंधन मनाने के पीछे कारण के बारे में पता ही नहीं है। हम लोग शायद यह जानते हैं कि रक्षाबंधन हमारे देश में भाई-बहनों की प्रति जो प्रेम है उसको दर्शाते हुए ही मनाया जाता है। लेकिन यह RakshaBandhan कब एवं कौन से कारण हेतु चालू किया गया है यह जानना बहुत ही आवश्यक है।
ठीक है यह बात भी सही है कि अगर हम लोग यह रक्षाबंधन मनाने के पीछे का कारण एवं इतिहास के ना जानते हुए भी इस त्यौहार को मना सकते हैं। लेकिन दोस्तों आप सोचिए अगर आप इस Raksha Bandhan त्यौहार के इतिहास के बारे में या फिर जानने के बारे में उत्सुक हैं एवं यह त्यौहार कौन सी घटना से जुड़ा हुआ है यह जानते हैं तो आपके अंदर इस त्यौहार के प्रति और भी मनोभाव जाग जाएगा।
आशा करता हूं आप हमारी इस लेख को अच्छी तरीके से भरेंगे एवं रक्षाबंधन संबंधित घटना के बारे में परिचित भी हो जाएंगे।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है | Rakshabandhan Kyu Manaya Jata Hai
दोस्तों अगर आप सीधी भाषा में यह जानना चाहते हैं कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है, तो इसके उत्तर स्वरूप हम लोग एक ही जवाब देंगे कि रक्षाबंधन त्यौहार के जरिए हर एक बहन उनके भाइयों को हर एक दुर्घटना एवं बुरी चीजों से रक्षा करना चाहता है। यह बात हम में से बहुत लोग ही जानते होंगे। आज के इस लेख के मुख्य आलोचना है कि कब से एवं क्यों यह रक्षाबंधन मनाते हैं।
तो चलिए इसके बारे में भी आलोचना करते हैं। सर मैं दोस्तों पौराणिक कथा के अनुसार रक्षाबंधन त्योहार मनाने के पीछे मुख्य तीन कारण है और यह तीनों कारण ही हमारे कृष्ण भगवान एवं अन्य अनेक महापुरुषों के साथ जुड़ा हुआ है।
Rakshabandhan Manane Ke पीछे पहला कारण:
यह कथा शुरू होता है भगवान विष्णु से। एक बार जातीय राज बाली ने 110 यज्ञ पूरा करने ही वाले थे जिसके वजह से हर एक देवता डर के मारे भगवान विष्णु के पास गए। और वह लोग भगवान विष्णु से यह बोल रहे थे कि अगर व्यक्ति राज बाली ने 110 यज्ञ को पूर्ण कर लिया तो वह तीनों लोगों में हा-हाकर मचा देगा। इस चीज को सोचते हुए भगवान विष्णु पृथ्वी में वामन अवतार के रूप में असूर राज बली के सामने आया।
उसी वक्त असुर राजा बलि ने अपना 110 यज्ञ भी पूर्ण कर लिया था। लेकिन पुरानी नियमों के अनुसार जब भी कोई भी यज्ञ पूर्ण होता है एवं इस समय अगर कोई भी बामण आता है तो उसको भिक्षा के रूप में वह बामण जो भी जाता है उसको देना पढ़ता था। उस शर्त के अनुसार भगवान विष्णु वामन अवतार में असुर राजबली के सामने जाकर बोला कि उनको उनके पैर रखने के लिए सिर्फ तीन जगह ही चाहिए। उसे भवन अवतार रूप विष्णु के मुंह से असुर राजबली यह बात सुनकर बहुत ही आश्चर्य चकित होकर बोले थे कि वह उसकी इस तीन पैर की जगह देंगे।
लेकिन इस समय बामणदेव एक बड़ा आकर लेकर उनका एक पैर स्वर्ग लोक पर और एक पैर पृथ्वी लोक पर रखा। ठीक उसी समय जब उनका और एक पैर का स्थान भी देने वाला था तो बलि के पास उनका वह स्थान देने का कोई जगह नहीं था एवं उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अपना सिर मैं वह पैर रखने के लिए बोला। और अंततः वामन देव के आदेश के अनुसार असुर राज बलि को पाताल लोक में भेज दिया गया।
इसी बीच असुर राजबली ने पाताल जाकर बहुत कठोर तब करके वह भगवान विष्णु को मनाया एवं वह भगवान विष्णु से एक ही इच्छा रख की भगवान विष्णु उनके साथ रहे। लेकिन ऐसा होने की टीम पश्चात ही देवी लक्ष्मी चाहते थे कि भगवान विष्णु उनके साथ फिर से रह सके एवं इसलिए वह नारद मुनि से इसका सुझाव जानने का प्रस्ताव रखा। नारद मुनि के प्रस्ताव से ही देवी लक्ष्मी पाताल लोक में जाकर असुर राज बाल्मीकि को भाई बना कर एक रक्षा बंधन के तौर पर एक चीज हाथ में पहनाया था। और इस समय से ही पृथ्वी में रक्षाबंधन का प्रचलन हो रहा है।
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Rakshabandhan मनाने के पीछे और एक कारण
रक्षाबंधन मनाने के पीछे जो दूसरा कारण है वह महाभारत के कृष्ण से ही जुड़ा हुआ है। एक बार जब कृष्ण उनके सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब वह चक्र शिशुपाल का वध करने के बाद जब कृष्ण के हाथ में दोबारा लौटा तब कृष्ण का उंगली से खून निकल रहा था। इस चीज को देखने के बाद ही द्रोपदी ने अपने कपड़े का एक छोटा टुकड़ा प्ले कर जल्दी से कृष्ण के हाथ को पूछ कर उसके हाथ में बांध दिया जिससे वह खून बहना थोड़ा बंद हो सके।
यह चीज देखने के बाद कृष्ण भगवान भी द्रौपदी से एक वादा किया कि वह इस कब्र का टुकड़ा का उधार द्रोपदी को जरूर दे देगा। ठीक उसी समय जब भरी सभा में द्रोपदी का वस्त्रहरण हो रहा था तब भगवान कृष्ण ही उनकी उंगली से वह कपरे धीरे धीरे निकालते हुए द्रोपदी का पूरा शरीर ढक दिया। इस उदाहरण से भी हम लोग यह जान सकते हैं कि रक्षाबंधन का क्या महत्व रखता है।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है: तीसरा कारण
एक बार प्राचीन काल में देव और असुरों के मध्य 12 महीने तक युद्ध हुआ। उसे युद्ध के फल स्वरुप देवता का हार निश्चित था। लेकिन उसी समय देवराज इंद्र बृहस्पति भगवान के पास गया कि यह युद्ध को कैसे जीता जाए। ठीक उसी समय इंद्र के पत्नी यानि कि इंद्र ने भी वहां पर मौजूद थे। इसी बात को इंद्रानी सुनने के बाद इंद्रदेव को बोला कि वह कल ही ब्राह्मण लोगों से एक रक्षा कवच के तौर पर एक राखी बनवा जो बृहस्पति भगवान उसमें अपना पूरा शक्ति समर्पण कर देगा।
तो जब देवराज इंद्र ने ऐसा किया तो भगवान बृहस्पति ने भी उनका पूरा शक्ति सुरक्षा कवच में डालकर हर एक देवता के हाथ में पहनाया। ठीक उसके बाद ही जब देवता लोग उसे युद्ध में उतरे और यह युद्ध लगभग कुछ दिनों में समाप्त होकर देवता लोगों को विजय हासिल हुआ। तो यह भी एक कारण है जहां से रक्षाबंधन का उत्थान हुआ।
ऑफिस में कुछ लोग रक्षाबंधन के कारण जानने के बाद इस साल यानी कि 2023 में रक्षाबंधन त्यौहार मनाने का सोच रहे होंगे एवं आप अपने भाई एवं बहनों को एक अच्छा गिफ्ट देने का भी सोच रहे होंगे। तो आपके इस चीज को ध्यान में रखते हुए हम आपको एक चीज बोल सकते हैं कि इस साल Amazon पर Raksha bandhan का बहुत अच्छा ऑफर चल रहा है जो आप इस लिंक में क्लिक करके इशारे ऑफर देख सकते हैं।
FAQs
रक्षाबंधन 2023 कब मनाया जाएगा?
इस साल यानी की 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन कब है 2023?
2030 का रक्षाबंधन हर रोज बुधवार यानी की 30 अगस्त को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन का महत्व क्या है?
रक्षाबंधन का महत्व होता है भाई बहन के बीच में जो प्यार होता है उसको मने रखना।
निष्कर्ष
तो दोस्तों जैसे कि आप देख रहे हैं आज हम इस लेख में आपको यह बताएं हैं कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है(Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai) एवं की रक्षाबंधन कब से चालू हुआ है। असल में देखा जाए तो हमारे हिंदू समाज के अधिकांश चीज ही भगवान के द्वारा ही प्रचलित हो रहा है। तो अभी तक आप ही जान ही चुके होंगे कि यह रक्षाबंधन त्यौहार भी एक बहुत ही शुभ मुहूर्त है हर एक भाई एवं बहनों के लिए। तो दोस्तों अगर आप इस रक्षाबंधन संबंधित कुछ भी जानना चाहते हैं जो आपको हमारी इस लेख में नहीं मिला है तो आप जरूर हमें कमेंट के जरिए पूछ सकते हैं।