दोस्तों क्या आप सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम जानते हैं? नहीं क्योंकि हम लोग जब स्कूल में पढ़ते हैं तब से ही सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम ही पुस्तक में प्रत्यय आए हैं। लेकिन हम यह कभी जानने का प्रयास ही नहीं किया है कि डॉक्टर Sarvepalli Radhakrishnan जी के पिता एवं माता का नाम क्या है।
हमारे समाज में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जीवन कथा के साथ-साथ उनके कुछ आदर्श नीतियों को हम लोग मानते आ रहे हैं। एवं हमने से बहुत सारे लोग यह भी जानते होंगे हमारे लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी इतना महत्व क्यों रखता है। लेकिन दोस्तों आज हम लोग इस लेख में उनके व्यक्तित्व के साथ साथ Sarvepalli Radhakrishnan Ke Mata Pita Ka Naam भी जानेंगे।
तो दोस्तों अगर आपको हमारी इस लेख पर कर ऐसा लगता है कि इस सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के लेख में बहुत कुछ महत्वपूर्ण चीज है जो आप के ज्ञान को बढ़ा सकता है तो आप जरूर इसको आपके सोशल मीडिया या फिर आपके दोस्तों के साथ शेयर करें। क्योंकि हम यह मानते हैं कि ज्ञान बांटने से ही ज्ञान बढ़ता है।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम
सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम है सर्वपल्ली वीरस्वामी (Sarvepalli Veerasamiah) एवं सीता मां (Sitamma)। तो दोस्तों यह है सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के माता एवं पिता का नाम लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधाकृष्णन जी का नाम के साथ यह सर्वपल्ली शांत क्यों आया एवं सर्वपल्ली जीतू हमारे भारतवासी के लिए इतना महत्व रखता है।
तो अगर आपको भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के बारे में सब कुछ जानना है तो हमारे इस लेख की अंत अंश तक अच्छी तरीके से पढ़े।
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सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक राजनीतिक बीट थे जिनका जन्म 1888 साल में 5 सितंबर को तमिलनाडु के तिरुताणी जगह में हुआ था। हालांकि आप तो जानते ही होंगे कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के दूसरे राष्ट्रपति के पद ग्रहण किया था जो 1962 साल से 1967 तक था। राधाकृष्णन जी उनके जीवन में राजनीतिक विद के साथ-साथ 1 फिलोसोफर एवं एक समाज सेवक भी थे।
उनके जीवन में भारत के दूसरा राष्ट्रपति होने के साथ-साथ राधाकृष्णन जी तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार से थे जो भारत के पहला भाग प्रेसिडेंट बना था। Sarvepalli Radhakrishnan जी जब पहला भाग प्रेसिडेंट बना था तब भारत का राष्ट्रपति था जहर लाल नेहरू। तमिलनाडु के एक साधारण ब्राह्मण परिवार से होने के कारण उनके पास पढ़ाई लखाई के लिए इतना धन नहीं था। लेकिन सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी अपने खुद के दम पर अच्छा पढ़ाई करने पर उनको एक अच्छा स्कॉलरशिप भी मिला जिससे वह एक अच्छे कॉलेज में पढ़ सका।
बीसवीं शताब्दी का सबसे सामान्य खेती जो फिलोसोफी लोगों को दिया जाता था उनमें से सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को भी दो खेत में मिला था जिसमें से एक मिला था द किंग जॉर्ज विजया ऑफ मेंटल एंड मोरल साइंस जो यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से मिला।
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क्यों सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन इतना महत्वपूर्ण है
अभी तक आप हमारे इस लेख को पढ़कर यह तो जान ही चुके होंगे कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। और हर साल आप यह भी देखते हैं कि 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालांकि बहुत सारे बच्चे एवं लोग इसके पीछे का कारण जानते हैं। लेकिन अगर आपको पता नहीं है तो क्या आपने कभी सोचा है कि 5 सितंबर को ही क्यों हम लोग स्कूल एवं कॉलेज में शिक्षक दिवस मनाते हैं।
असल में दोस्तों हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का भूमिका सबसे ज्यादा है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक कॉलेज में पर आ रहे थे तब उनके छात्रा ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को पूछा कि क्या वह लोग 5 सितंबर को उनके जन्म दिवस को मना सकता है। लेकिन उस समय सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने बोला है कि अगर तुम लोग 5 सितंबर को मेरा जन्मदिन ना मना कर शिक्षक दिवस के लिए इस दिन को मनाते हो तो यह चीज मुझे बहुत अच्छा लगेगा।
इसी चीज को मध्य नजर रखते हुए आज भी हर एक स्कूल कॉलेज एवं अन्य सारे जगह में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है एवं यह दिवस सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन के तौर पर स्मरण किया जाता है।
Sarvepalli Radhakrishnan के परिवार
आप अभी तक हमारी इस लेख को पढ़कर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम तो जान ही चुके होंगे। लेकिन क्या आप उनके पूरे परिवार संबंधित हर एक जानकारी को जानते हैं। राधाकृष्णन जी के लेकर कौन सा भाई बहन थे। इशारे भाई-बहन के अंदर राधाकृष्णन जी ही एक मेधावी छात्र थे।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी उन्नीस सौ 3 साल में शिवा का मुंह नामक एक 10 साल की औरत को शादी किया जहां उनका उम्र था मात्र 16 साल। उसके बाद उस समय की ट्रेडीशन हेतु राधाकृष्णन जी एवं शिवा का मुंह के कुल पांच पुत्री एवं 1 पुत्र था।
उसके बाद देखा गया है कि राधा कृष्ण जी के परिवार के बहुत सारे सदस्य जैसे कि उनके पोता एवं भूतों के पुत्र ने भारत के अलग-अलग सामान्य पद में कर्म किया जैसे कि डॉक्टर, लोहिया, बैंक का बिजनेसमन एवं पब्लिक पुलिस।
राधाकृष्णन जी के नाम में सर्वपल्ली सरनेम कैसे आया
अभी तक तो आप ही जानते ही होंगे कि राधाकृष्णन जी का घर तमिलनाडु के तिरुवरूर जिला में है जिसको पहले तिरुताणी के नाम पर जाना जाता था। लेकिन बहुत समय पहले की बात है जब 19 दशक में सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दादाजी आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिला के सर्व पल्ली गांव में रहते थे।
राधाकृष्णन जी के दादाजी लोग जब सर्वपल्ली गांव में रहते थे तब उन लोगों का सरनेम कुछ अलग ही होता था। लेकिन उस जगह में रहने के कारण वर्ष ही उनके दादाजी राधाकृष्णन जी के सरनेम को सर्वपल्ली रखा एवं उस कारण वर्ष ही हम लोग इस सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के नाम वुला पाए हैं।
FAQs
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता पिता का क्या नाम था?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता एवं माता का नाम है: सर्वपल्ली वीरस्वामी & सीता मां।
राधाकृष्णन के अनुसार कौन सा धर्म नहीं है?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनुसार वेदांत कोई धर्म नहीं है।
भारत के दूसरे राष्ट्रपति का क्या नाम था?
भारत के दूसरे राष्ट्रपति का नाम था Dr Sarvepalli Radhakrishnan ji.
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कौन से गांव में हुआ था?
राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 साल में तमिलनाडु के तिरुत्तनी गांव में हुआ था।
निष्कर्ष
तो दोस्तों जैसे कि आप देख रहे हैं आज हम इस लेख में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता-पिता का नाम समेत उनके जीवनी को लेकर बहुत खूब विस्तारित आलोचना किए हैं। तो दोस्तों अगर आप हमारे इस पूरे लेख को पढ़कर भी Sarvepalli Radhakrishnan जी के जीवनी एवं उनके परिवार संबंधित कुछ भी जानकारी चाहते हैं तो आप कुछ भी ना सीधा करें ही नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न जरूर पूछें।