Sudha Murthy In Tripura | सुधा मूर्ति त्रिपुरा में घूमने आए

Sudha Murthy In Tripura: इंफोसिस फाउंडेशन का 4 परसेंट एवं देश का जाने-माने फिलैंथरोपिस्ट सुधा मूर्ति 4 जून को त्रिपुरा का राजधानी अगरतला में आया 2 दिन के लिए। उनके यह तो दिन अगरतला में रहने का कारण है त्रिपुरा का जो भी मुक्ख पर्यटन केंद्र है उसमें जाना।

इंफोसिस फाउंडेशन का प्राक्थतन चेयरपर्सन सुधा मूर्ति, उनके जीवन काल के दौरान बहुत बड़े-बड़े काम किए जिस वजह से वह जब 4 जून को त्रिपुरा में आया तब त्रिपुरा का मुख्यमंत्री मानिक शाह ने उनकी आगमन के लिए उनको स्वागत करने के लिए एक छोटे सभा का आयोजन किया। अंदरूनी खबर के अनुसार जाना गया है कि सुधा मूर्ति त्रिपुरा में आने के वाह वह कुछ और चेतन केंद्र में जाएंगे जो है डोंबोर, निरमहल एवं उनाकोटी। जिसमें से 5 जून सुबह को भी वह अगरतला से उनाकोटी को दर्शन करने चले गए एवं उसके बाद वह बाकी कुछ पर्यटन केंद्र में भी जाएंगे।

Sudha Murthy In Tripura | सुधा मूर्ति त्रिपुरा में घूमने आए
Sudha Murthy In Tripura | सुधा मूर्ति त्रिपुरा में घूमने आए

Sudha Murthy In Tripura का रोड मैप

Sudha Murthy In Tripura मैं आने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम उनाकोटी दर्शन करने गए एवं उसके बाद वह तिरुपति मंदिर जो कैलाश शहर में है उसमें भी जाने का संभावना है। हालांकि जब इंफोसिस फाउंडेशन का प्राप्त 457 सुधा मूर्ति त्रिपुरा में आए तब त्रिपुरा का चीफ मिनिस्टर मानिक चाहा उनको बहुत अच्छी तरीके से संबोधित किया एवं हमारे राज्य के जो गेस्ट हाउस है उसमें उनको ले जाकर एक छोटा प्रोग्राम का भी आयोजन किया।

उसके बाद 6 जून को सुधा मूर्ति त्रिपुरा के सबसे पुराना मंदिर: मा त्रिपुरेश्वरी मंदिर जो उदयपुर में है उसमें भी जाएंगे। इस चीज के दौरान सुधा मूर्ति जी त्रिपुरा में अन्य जो भी प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है उसमें भी जाने का संभावना है जो पहले से बोलना निश्चित नहीं होगा।

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सुधा मूर्ति का जीवनी

सुधा मूर्ति जी का जन्म 1951 में 19 अगस्त को कर्नाटका के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उस परिवार में सुधा मूर्ति के अलावा और दो भाई एवं एक बहन थे। उन्होंने अपने जीवन में दो-तीन भरे भरे पद में काम किए जिसमें से एक है लेखक, शिक्षक, फिलैंथरोपिस्ट एवं आखरी में इंफोसिस फाउंडेशन का चेयर पर्सन।

सुधा मूर्ति का शादी इंफोसिस फाउंडेशन का कोफाउंडर डॉक्टर नारायणन मुक्ति के साथ हुआ जो 2006 में पद्मश्री पुरस्कार में पुरस्कृत हुआ। यह दोनों शादी से पहले एक दूसरे के साथ 4 साल तक वेट करता रहा एवं आखरी में जब तुम लोगों का परिवार उनके बारे में जाना तब वह एक दूसरे के साथ शादी कर लिया। हालांकि इससे पहले सुधा मूर्ति उनके जीवन कंप्यूटर एवं विज्ञान इंजीनियरिंग से शुरू किया लेकिन उसके बाद जब वह नारायण मूर्ति के साथ शादी किया था वह इंफोसिस फाउंडेशन का चेयर पर्सन का पद ग्रहण किया।

इसके अलावा इंफोसिस फाउंडेशन का बर्तन चार परसेंट सुधा मूर्ति के नाम पर और एक वरा जींस जुड़ा हुआ है, जो है सुधा जी एकमात्र पहला महिला इंजीनियर थे जो टाटा इंजीनियरिंग एवं लोकोमोटिव कंपनी में काम किया। उन्होंने इस कंपनी में पहली बार पुणे में ज्वाइन किया जरूरतमंद इंजीनियर के पद लेकर एवं उसके बाद वह मुंबई एवं जमशेदपुर में भी काम किया था।

by Sayan Das
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