बहुत सारे हिंदू जानना चाहते हैं इस महीने की पूर्णिमा कब है? क्योंकि पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखने पर भगवान आपके ऊपर प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनके मन और शारीरिक शुद्धिकरण में मदद करते हैं।
सनातन धर्म विश्व के सर्वप्रथम और पुराना धर्म है जहां पर पूर्णिमा और अमावस को बहुत ही मान्यता दी जाती है। लेकिन अमावस्या और पूर्णिमा दोनों का अलग-अलग महत्व है जैसे ज्यादातर लोग पूर्णिमा को बहुत ही पवित्र मानते हो उस समय भगवान को प्रशान्य करने कि कोशिश करते हैं, और अमावस्या को तंत्र विद्या के लिए सटीक समय बोला जाता है और लोग शक्ति की साधना करते हैं।
मैं आशा करता हूं आप एक हिंदू है और, पूर्णिमा का व्रत पालन करते के लिए सटीक समय और तारीख ढूंढ रहे हैं? तो आप एकदम सेटिंग जगह पर है क्योंकि आज इस लेख में हम पूर्णिमा क्या है, पूर्णिमा कब है सितंबर महीने में, पूर्णिमा क्यों मनाया जाता है और विशेष करके जानेंगे इस महीने की पूर्णिमा कब है?
यह सब प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए आप हमारे इस लेख को आगे बढ़ते रहिए और हम इन सभी प्रश्न उत्तर को जानेंगे। चलिए अभी बिना समय गंवाए जानते हैं इस महीने की पूर्णिमा कब है।
इस महीने की पूर्णिमा कब है
इस महीने अर्थात सितंबर में पूर्णिमा 28 सितंबर रोज गुरुवार शाम 6:49 वजे से - 29 सितंबर दोपहर 3:27 बजे तक रहेगा, और इस पूर्णिमा को कहा जाता है भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima)।
आशा करते हो कि आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया है।
अगर आपको जानना है कि, अगले महीने पूर्णिमा कब है और उसका समय सूची तो इसलिए इस लेख को आगे बढ़ते रहिए। और हमने इस लेख मे सारे महीने के पूर्णिमा का समय सूची दे दिया है।
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पूर्णिमा कब है और समय सूची (Purnima Kab Hai 2023 September Mein)
तिथि | पूर्णिमा शुरू & खत्म होने का समय |
पूर्णिमा तिथि जनवरी,2023(पौष पूर्णिमा) | जनवरी 6 तारीख, रोज शुक्रवार पूर्वाह्न 2:14 बजे से- 7 तारीख पूर्वाह्न 4:37 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि फरवरी,2023( माघ पूर्णिमा) | फरवरी 4 तारीख, रोज शनिवार रात 9:30 बजे से-5 तारीख रात 11:58 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि मार्च,2023(हुतसनी पूर्णिमा) | मार्च 6 तारीख, रोज सोमवार शाम 4:17 वजे से- 7 मार्च 6:10 वजे तक। |
पूर्णिमा तिथि अप्रैल,2023(चैत्र पूर्णिमा) | 5 अप्रैल, रोज बुधवार सुबह 9:19 वजे से – 6 अप्रैल सुबह 10:04 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि में,2023(बुद्ध पूर्णिमा) | 4 में, रोज गुरुवार रात 11: 44 बजे से – 5 में रात 11:04 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि जून, 2023(देव स्नान पूर्णिमा) | 3 जून, रोज शनिवार सुबह 11:17 बजे से – 4 जून सुबह 9:11 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि जुलाई, 2023(गुरु पूर्णिमा) | 2 जुलाई, रोज रविवार रात 8:21 बजे से – 3 जुलाई शाम 5:08 वजे तक। |
पूर्णिमा तिथि अगस्त, 2023(श्रावण पूर्णिमा) | 1 अगस्त, रोज मंगलवार पूर्वाह्न 3:52 वजे से – 2 अगस्त रात 12:01 वजे तक। |
पूर्णिमा तिथि अगस्त, 2023 (नारली पूर्णिमा) | 30 अगस्त, रोज बुधवार सुबह10:58 बजे से – 31 अगस्त सुबह 7:05 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि सितंबर, 2023 (भाद्रपद पूर्णिमा) | 28 सितंबर, रोज गुरुवार शाम 6:49 बजे से – 29 सितंबर शाम 3:27 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि अक्टूबर, 2023 (शरद पूर्णिमा) | 28 अक्टूबर, रोज शनिवार पूर्वाह्न 4:17 वजे से – 29 अक्टूबर पूर्वाह्न 1:54 वजे तक। |
पूर्णिमा तिथि नवंबर, 2023 (कार्तिक पूर्णिमा) | 26 नवंबर, रूस रविवार शाम 3:53 बजे से – 27 नवंबर शाम 2:46 बजे तक। |
पूर्णिमा तिथि दिसंबर, 2023 ( मार्गशीर्ष पूर्णिमा) | 26 दिसंबर, रोज मंगलवार पूर्वाह्न 5:47 वजे से – 27 दिसंबर सुबह 6: 03 वजे तक। |
ऊपर देखें गए टेबल से आप किस महीने पूर्णिमा है और इसका सटीक तारीख और समय जा सकते हैं। आशा करता हूं आपका प्रश्न इस महीने की पूर्णिमा कब है इसका आपको सटीक एवं संतुष्टि पूर्ण जवाब मिल गया है।
लेकिन बहुत सारे लोगों को यह पता ही नहीं है की पूर्णिमा का व्रत है क्यों किया जाता है, अगर आप भी उनमें से एक है तो कोई चिंता नहीं हमने इस लेख में उसके बारे में भी संपूर्ण विस्तार से आलोचना किया है।
हमेशा करते कि आपको यह लेख पर क्या अच्छा लग रहा है, पर मैं आपको बोलना चाहूंगा आगे परते रहिए और पूर्णिमा व्रत के बारे में और भी जानकारी लीजिए।
पूर्णिमा व्रत के लाभ और क्यों किया जाता है
पूर्णिमा के व्रत करने से आप लोगों को मानसिक शांति मिलेगा और भगवान भी आपके ऊपर प्रसन्न होंगे। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण पूजा करने से घर में सुख शांति कायम रहता है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर संपूर्ण करता है और इस दिन पूर्ण चंद्रमा दिखाई देता है। हिंदू धर्म शास्त्र के माने तो इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि 14 दिन अंधेरे को पर करते हुए चंद्रमा उसे दिन सबसे ज्यादा उज्जवल होता है।
पूर्णिमा के दिन पृथ्वी और चांद के बीच गुरुत्वाकर्षण बल सबसे ज्यादा होता है जिसका प्रभाव समुद्र कि पानी के ऊपर पड़ता है और ठीक उसी तरह हमारे बॉडी पर भी इस गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव पड़ता है और हमारे शरीर में भी पानी का भाग बढ़ जाता है।
इसलिए अगर हम पूर्णिमा के दिन व्रत करेंगे तो हमारा शारीरिक और मानसिक संतुलन सामान रहेगा। और जो व्यक्ति पूर्णिमा का दिन जन्म लेता है वह बहुत बुद्धिमान और उनके व्यक्तित्व बहुत आकषर्णीय होते हैं।
आशा करता हूं आप को पूर्णिमा व्रत के लाभ और पूर्णिमा का व्रत क्यों किया जाता है और पूर्णिमा कब है इन सारे प्रश्नों का उत्तर सटीक मिला है। मैं आपको अनुग्रह करता हूं कि इसलिए को आपके परिवार जनों के साथ शेयर करें जो पूर्णिमा का व्रत करना चाहते हैं।
FAQs
इस महीने की पूर्णिमा कब है?
इस महीने अर्थात सितंबर में पूर्णिमा 28 सितंबर रोज गुरुवार शाम 6:49 वजे से 29 सितंबर दोपहर 3:27 बजे तक रहेगा और इस पूर्णिमा को कहा जाता है भाद्रपद पूर्णिमा।
सितंबर में पूर्णिमा कब है 2023 ?
28 सितंबर, रोज गुरुवार शाम 6:49 बजे से – 29 सितंबर शाम 3:27 बजे तक।
अक्टूबर में पूर्णिमा कब है 2023 ?
28 अक्टूबर, रोज शनिवार पूर्वाह्न 4:17 वजे से – 29 अक्टूबर पूर्वाह्न 1:54 वजे तक।
नवंबर में पूर्णिमा कब है 2023 ?
26 नवंबर, रूस रविवार शाम 3:53 बजे से – 27 नवंबर शाम 2:46 बजे तक।
दिसंबर में पूर्णिमा कब है 2023 ?
26 दिसंबर, रोज मंगलवार पूर्वाह्न 5:47 वजे से – 27 दिसंबर सुबह 6: 03 वजे तक।
संक्षेप
इस लेख में हमने अभी तक जाना कि इस महीने की पूर्णिमा कब है, पूर्णिमा का व्रत के लाभ, पूर्णिमा कब है, पूर्णिमा का व्रत हमको क्यों करना चाहिए। आशा करता हो आपको इस लेख में आपके सारे प्रश्नों का उत्तर मिला है। अगर आपका कोई भी प्रश्न है तो हमें कमेंट में जरूर पूछिए और हम हम उसे प्रश्न का उत्तर जरूर देंगे।