आप लोग गुरु नानक जी का नाम तो सुना ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं उनके नाम पर यह जो गुरु नानक जयंती मानते हैं इसके पीछे क्या कारण है। शायद इसका स्पष्ट उत्तर आपके पास नहीं है। और आप यह हर साल की देखते आ रहे हैं कि 27 नवंबर को यह उत्सव मनाया जाता है।
यह दिन हर साल कार्तिक महीने के अमावस्या के दिवाली के ठीक 15 दिन बाद इस्सी कार्तिक महीने के पूर्णिमा तिथि के समय गुरु नानक जी का जयंती मनाया जाता है जो इस साल 27 नवंबर को होगा। इसी त्यौहार को मध्य नजर रखते हुए हर साल कार्तिक महीने के पूर्णिमा के कुछ दिन पहले से ही गुरुद्वारा में सिख धर्म के हर कइ यह Guru Nanak Ji Ka Janma Jayanti को मनाने के लिए बहुत तैयारी करते हैं एवं इसके साथ-साथ ढोल मंजीरा को लेकर प्रभात फेरिया के लिए भी निकालते हैं।
लेकिन अभी प्रश्न यह है कि क्या आप जानते हैं सिख धर्म में यह नानक का जयंती मनाने का कारण क्या है, तो चलिए आज हम इस लेख में इसके बारे में विस्तार से आलोचना करते हैं।
गुरु नानक जयंती क्यों मनाया जाता है
आज से लगभग 100 साल पहले कार्तिक महीने के पूर्णिमा तिथि में गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, और इसी तिथि के अनुसार ही इस दिन में सिख धर्म के अनुसार वह लोग गुरु नानक जयंती मनाते हैं। अलस मैं गुरु नानक जी का जन्म ताल मंडी में 1469 साल में हुआ था।
सिख धर्म के अनुसार गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक एवं उन लोगों के वंश परंपराओं के पहले गुरु मानते हैं। गुरु नानक जी हमारे देश में उनके उद्देश्य के प्रचार के साथ-साथ बाकी बहुत सारे देशों में भी वह अपने उद्देश्य यानी कि लोगों के लिए सोने के प्रकार में लोगों को प्रेरित किया था एवं इसी वजह से उनके नाम के पीछे नानक नाम का शब्द जुड़ा। सिख धर्म के अनुसार यह बोला जाता है कि गुरु नानक जी अपने पूरे जीवन को ही लोगों के भलाई एवं उनके मदद करने हेतु व्यक्त किया था।
उसके बाद जब गुरु नानक जी का मृत्यु का समय आया था वह अपने छोटे भाई लहंगा को इस गुरु धर्म के दीक्षा डे के इस धर्म को बढ़ाने का आदेश दिया, एवं आपको बता दें कि उनके छोटे भाई लहंगा भी उनके एक तरीके का शिष्य ही थे। उसके बाद उनके छोटे भाई के कुछ अच्छे कारनामों के कारण उनका नाम गुरु अंगद के नाम पर जाना गया।
उसके बाद गुरु अंगद ही सिख धर्म के दूसरे गुरु बने जो इस सिख धर्म को और आगे लेकर गए। दोस्तों आपको तो यह पता ही चल गया है कि सिख धर्म का उद्यापन गुरु नानक जी ही किए थे लेकिन क्या आपको पता है कि हम लोग हर साल जो गुरु नानक जयंती मनाते हैं इसका महत्व क्या है।
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गुरु नानक जयंती मनाने का महत्व
जैसे कि हम लोग जानते हैं गुरु नानक जी अपने पूरे जीवन को ही लोगों को सेवा करते हुए व्यक्त किए थे तो सिख धर्म के अनुसार इस दिन को हर साल ही एक दूसरे को बिखा वी मदद करते हैं एवं इस दिन वह लोग अपने गुरु को साक्षात प्रणाम भी जानते हैं। और ऐसा देखा गया है कि यह दिन को सिख धर्म की हर एक लोग बहुत महत्वपूर्ण दिन बताते हैं।
अगर सिख धर्म की प्रधान धर्म स्थान गुरुद्वारा की बात करें तो उसे दिन गुरुद्वारा को अच्छी तरीके से साफ सफाई करके सजाया जाता है जिससे लोग हर साल की तरह इस साल भी गुरु नानक जयंती को धूमधाम से मना सके। और इसके साथ-साथ गुरुद्वारा के आसपास जो भी नगर, शहर या फिर गांव है उसमें प्रभात फेरिया भी निकलते हैं। इसके साथ-साथ गुरु नानक जयंती के दो-तीन दिन पहले से ही गुरुद्वारा में गुरु अखंड पाठ का शुरू किया जाता है जो गुरु नानक जी के जयंती में खत्म होता है।
इसके साथ-साथ इस दिन सिख धर्म के हर एक गुरु एवं शिष्य गुरुद्वारा में जाकर अपना सर देखते हैं एवं गुरु नानक जी को अपना शत-शत श्रद्धा प्रदान करता है। इसी चीज को देखते हुए हमारे भारत देश के हर एक धर्म के लोग गुरुद्वारा में जाकर गुरु नानक जी को प्रणाम करने का इच्छा भी जागते हैं।
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निष्कर्ष
तो दोस्तों अगर आप गुरु नानक जी के जन्म जयंती के बारे में जानने के लिए हमारे इस लेख में आए हैं तो आशा करता हूं आप इस लेख को पढ़कर यह अच्छी तरीके से जान गए होंगे कि गुरु नानक जयंती क्यों मनाया जाता है एवं इसका महत्व महत्व क्या है। इसके अलावा अगर आपके मन में गुरु नानक जी के इस जन्म जयंती संबंधित कुछ भी जानकारी आपके लिए अधूरा रह गया हो तो आप जरूर नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।