शिव के पिता का नाम | Shiv Ka Pita Ka Naam

दोस्तों हम लोग भगवान शिव को तो जानते ही हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि शिव के पिता का नाम क्या है। हम जानते हैं इस तरीके का प्रश्न लोगों के मन में बहुत कम ही आते हैं लेकिन हम लोग हिंदू होने के साथ-साथ भगवान शिव के भक्त होने के कारण से भी यह जानना बहुत ही जरूरी है कि भगवान शिव का पिता का नाम क्या है।

हालांकि हम लोग भगवान शिव को सबका पिता मानते हैं लेकिन पौराणिक ग्रंथ के अनुसार भगवान शिव का भी तो कोई ना कोई पिता एवं माता होगा। आज हम इस लेख में आपके इस प्रश्न का उत्तर लेकर आए हैं जिससे आप भगवान शिव का पिता का नाम के साथ-साथ उनके बारे में और भी कुछ महत्वपूर्ण चीजों को जान सके। आशा करता हूं आप हमारे इस लेख को अंत तक अच्छी तरीके से पड़ेंगे एवं आपके मनचाहा प्रश्न का उत्तर यहां से जान जाएंगे।

शिव के पिता का नाम | Shiv Ka Pita Ka Naam

दोस्तों आपके प्रश्न का उत्तर देते हुए भगवान शिव के पिता का नाम है सदाशिव जिसको हम लोग काल ब्रह्म कहते हैं। जी हां भगवान शिव के पिता का नाम पुराने ग्रंथ के अनुसार सदाशिव को ही माना जाता है। लेकिन अभी शिव के पिता के संपर्क में और भी बहुत कुछ जानने से पहले हम चाहते हैं आप भगवान शिव के तरह-तरह के नाम के साथ-सथ उनके बारे में और भी कुछ अनकही चीजों को जाने जिसे आप दूसरे किसी के साथ बैठकर यह सब चीजों के बारे में बोल सकें।

शिव के पिता का नाम क्या है
शिव के पिता का नाम क्या है

भगवान शिव के अनेकों नाम

दोस्तों हम जानते हैं अगर आप हमारी इस लेख में गूगल सर्च करके भगवान शिव के पिता का नाम जानने के लिए आये है, तो आप जरूर भगवान शिव के भक्त होंगे। क्या आप भगवान शिव के हर एक नाम के साथ परिचित हैं। अगर नहीं तो आप नीचे दिए गए पैराग्राफ को पढ़कर भगवान शिव के आने का प्रचलित नाम के बारे में जान ले।

आप तो जानते ही होंगे कि पौराणिक कथा के अनुसार 3 देशों में से एक देव है भगवान शिव जिसको हम लोग सबसे ज्यादा महादेव के नाम से ही जानते हैं। इसके अलावा भगवान शिव यानी कि महादेव के अनेकों नाम है जो है: भगवान शंकर, रूद्र, महादेव, महेश, भोलेनाथ, भैरव इत्यादि। हालांकि यह सारे नाम भगवान के अलग-अलग रूप एवं कारणों की वजह से ही दिया गया है। इसमें से सबसे प्रचलित एवं प्रमुख नाम के हिसाब से हम लोग भगवान शिव के नाम से ही जानते हैं और हमारे हिंदू वेदों के अनुसार भगवान शिव को रूद्र के नाम से भी जानते हैं।

हालांकि आपको यह तो बता ही चुके हैं कि महादेव के हर एक नाम के पीछे अगला कारण है। इन्हें नाम में से भगवान शिव का नाम भैरव रखा गया है क्योंकि वह तंत्र साधना के प्रमुख देवता है।

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भगवान शिव का नाम “महादेव” बोलने के कारण

दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे हिंदू धर्म में तो बहुत सारे भगवान हैं लेकिन क्यों सिर्फ भगवान शिव के नाम पर महा सुबोध लगया गया है। इस प्रश्न का उत्तर अलग अलग इंसान के पास अलग अलग तथ्य है। वैसे जो तक सबसे ज्यादा प्रचलित है हमारी इस हिंदू धर्म में उसको ही हम लोग आज यहां पर आलोचना करेंगे।

हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार यह बोला जाता है कि भगवान शिव हर एक इंसान एवं पशु पक्षियों के मन को पर सकता है। जिस वजह से वह हर एक प्राणी के दुखहर्ता के नाम पर भी माना जाता है क्योंकि वह हर एक प्राणी के मन के दो कि उसको सुनकर उनके सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि भगवान शिव हमेशा खुद कुछ खाने से पहले दूसरे को खिलाते हैं जिससे संसार के हर एक प्राणी सुखी हो सके। एवं उन्होंने तो हमारी इस पूरे ब्रह्मांड को बचाने के लिए समुद्र मंथन से निकला हुआ काल विस को भी पान कर लिए थे। अनेकों कारण में से यह कुछ कारण जिस वजह से हम लोग भगवान शिव को महान संबोधित करते हुए महादेव के नाम से बुलाते हैं।

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भगवान शिव के पूरे परिवार

भगवान शिव बहुत तपस्या के बाद पार्वती के साथ शादी की एवं उनके दो पुत्र एवं दो पुत्री है। जिनमें से 2 पुत्र का नाम है भगवान कार्तिकेय एवं भगवान गणेश एवं दूसरी और दो पुत्री के नाम है एक सरस्वती एवं एक है लक्ष्मी।

यह है हमारे हिंदू धर्म के 3 देशों में से एक देव महादेव के पूरे परिवार के सदस्य जो हिंदू ग्रंथ के अनुसार सब के मध्य प्रचलित है।

सदाशिव के पुत्र महादेव का रूप का विवरण

भगवान सदाशिव के पुत्र महादेव को काल भैरव बोला जाता है जिसके हाथ में डमरू, गले में नाक एवं माथे में गंगा बहता है। भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय जो काल विश निकला था उसका विश को वह अपने मुंह में लेकर गले में ही समा लिया था एवं हमारे पूरे विश्व को इस बीच के प्रकोप से भी बचा लिया।

हालांकि दोस्तों आप में से बहुत सारे लोग यह सोच रहे होंगे कि गंगा का भाव भगवान शिव के सिर से क्यों निकलता है। असल में इसके पीछे एक बहुत ही पुरानी कथा है। कुछ समय क बात है जब पृथ्वी में जल का परिमाण बहुत ही कम हो गया था एवं इस चीज को देखते हुए भगवान ब्रह्मा ने उनके कमंडल से गंगा का जन्म दिया जो वह पृथ्वी में सीधा है डालने वाले थे।

लेकिन भगवान शिव जानते थे कि अगर ब्रह्मा के कमंडल से गंदा सीधा पृथ्वी में आकर गिरेगी तो पृथ्वी का संतुलन नष्ट हो सकता है। इसीलिए भगवान शिव ने अपने माथे पर ही गंगा को धारण कर लिया एवं उसका स्रोत कम करने के हेतु अपने सिर से काम प्रभाव करके गंगा को पृथ्वी में प्रभावित होने के लिए दिया।

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शिव के जन्म होने की कथा

दोस्तों जैसे कि हम जानते हैं भगवान शिव के पिता का नाम है सदाशिव के काल ब्रह्मा। लेकिन क्या आप जानते हैं सदाशिव से कैसे महादेव का जन्म हुआ। प्रश्न का उत्तर पाने हेतु हम आपको एक काहे नहीं सुनाते हैं।

एक बार नारद जी, उनके ब्रह्मा पिता ब्रह्मा जी से पूछे थे कि यह जो त्रिदेव है यानी कि ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश्वर का जन्म कहां से हुआ एवं आप लोगों का पिता का नाम क्या है। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए ब्रह्मा देव ने नारद जी को बोला है कि सृष्टि कर्ता सदाशिव हिरन आदि देवी दुर्गा एक बार बहुत गहरी ध्यान में लीन होकर यह त्रिदेव को जन्म दिया जिससे वह लोग पृथ्वी के संतुलन को बचा सके।

इसी पुराने गाने के ऊपर खड़ा होकर ही हम लोग भी बोल सकते हैं कि महादेव यानी कि महेश के पिता का नाम सदाशिव एवं माता का नाम आदि देवी दुर्गा है।

FAQs

भगवान शिव का पहला पुत्र कौन है?

हिंदू धर्म के पुराने तथ्य के अनुसार भगवान शिव के पहले पुत्र का नाम है भगवान गणेश।

शिव से बड़ा भगवान कौन है?

हिंदू धर्म के अनुसार सृष्टि के रखवाला शिव को ही सर्वश्रेष्ठ भगवान यानी कि सर्व शक्तिशाली भगवान मानते हैं।

शंकर जी का असली नाम क्या है?

भगवान शंकर का असली नाम है महादेव, जिसको हम लोग देवों के देव मानते हैं।

निष्कर्ष

से कि आप देख रहे हैं आज हम इस लेख में भगवान शिव के पिता का नाम क्या है कि साथ-साथ उनके और भी सारे नामों को भी आपके सामने प्रस्तुत किए हैं। एवं भगवान शिव के परिवार में कौन-कौन हैं एवं उनका उत्पत्ति का पूरा कहानी को भी विस्तार से आलोचना किए हैं। इसके अलावा अगर आपके मन में शिव का पिता को लेकर कुछ भी प्रश्न है तो आप जरूर नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

by Sayan Das
सायन दास एक अच्छे आर्टिकल लेखक है जो हमेशा से ही टाटमूलक लेख लिखने में अपना अधिक से अधिक समय में करता है। इसके अलावा वह सरकारी योजना बिजनेस लोन एवं विभिन्न तरीके का जब संबंधित लेख लिखने में भी माहिर है। सायन दास एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर है जिसके पास ब्लॉगिंग संबंधित 6 साल से ज्यादा एक्सपीरियंस है। इसी एक्सपीरियंस के साथ वह यह गवर्नमेंट योजना वेबसाइट में पिछले 3 साल से कम कर रहा है एवं लोगों को उनके समस्या का समाधान ढूंढने में भी सहायता कर रहा है। और दोस्तों अगर आप शायद दास के साथ कांटेक्ट करना चाहते हैं तो वह सोशल मीडिया यानी की फेसबुक पर भी मिल जाएगा।

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